पैरों मे बंधी बेड़ियों को तोड़
अब आगे बढ़ने को जी चाहे ,
टूटे सपनों को जोड़
अब आगे बढ़ने को जी चाहे ,
छोड़ रीति रीवाज़ों की डोर
अब आगे बढ़ने को जी चाहे ,
किस्मत की कलाई को मोड़
अब आगे बढ़ने को जी चाहे,
भरने उड़ान आसमान की ओर
अब आगे बढ़ने को जी चाहे,
ढूँढने कोई नया छोर
अब आगे बढ़ने को जी चाहे,
औरों के बनाए रास्तों पे चलती ज़िन्दगी
को मनचाहा देकर मोड़
अब आगे बढ़ने को जी चाहे,
पैरों मे बंधी बेड़ियों को तोड़
अब आगे बढ़ने को जी चाहे।
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